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और इसलिए RTI एक माध्यम है Transparency की ओर जाने का, लेकिन At the same time RTI से सीख करके हमने शासन व्यवस्था में Transparency लाने की आवश्यकता है।
10.700112
और मुझे विश्वास है कि अगर गलत इरादे से कोई काम नहीं है तो कभी कोइे तकलीफ नहीं होती है, कोई दिक्कत नहीं होती है।
7.960083
सही काम सही परिणाम भी देते हैं।
2.380025
और जैसा मैंने कहा सिर्फ process नहीं।
3.100032
हमें आने वाले दिनों में product की quality पर भी ध्यान देना पड़ेगा।
4.500047
उसको भी हम किस प्रकार से सोंचे।
2.200023
ताकि हर चीज का हिसाब-किताब देना पड़े।
3.060032
क्योंकि जनता के पैसा से चलती है सरकार।
3.000031
सारे निर्माण कार्य होते हैं जनता के पैसों से होते हैं।
3.320035
और जनता सर्वपरि होती है लोकतंत्र में।
2.980031
उसके हितों की चिंता और उस व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में हम प्रयास करते रहेंगे।
6.420067
तो मैं समझता हूं कि बहुत ही उपकारक होगा।
3.360035
आज पूरा दिनभर आप लोग बैठने वाले हैं।
4.320045
मुझे विश्वास है कि इस बंधन में राज्य के भी सभी अधिकारी यहां पर आए हुए हैं।
8.360087
तो उस मंथन में से जो भी अच्छे सुझाव आएंगे वो सरकार के ध्यान में आएंगे।
4.860051
उसमें से कितना अच्छा कर सकते हैं प्रयास जरूर रहेगा, लेकिन हम चाहेंगे कि जनता जितनी ताकतवर बनती है, नागरिक जितना ताकतवर बनता है वो ताकत सचमुच में देश की ही ताकत होती है।
12.280128
उसी को हम बल दें।
1.360014
इसी एक अपेक्षा के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
2.620027
धन्यवाद।
2.820029
परम पूज्य बाबा रामदेव जी, पूज्य आचार्य जी, आदरणीय राजनाथ सिंह जी, आदरणीय वैदिक जी, श्रीमान हरिओम जी, देश के कोने-कोने से आए हुए भारत स्वाभिमान के सभी सिपाही, और मुझे बताया गया कि देश में 500 से अधिक स्थानों पर बड़ा स्क्रीन लगाकर इस भारत स्वाभिमान आंदोलन से जुड़े हुए सभी लोग बैठे हैं और इस कार्यक्रम में दूर दूर से भी शरीक हुए हैं, मैं उन सबको भी नमन करता हूं..!आजादी के बाद ये पहला चुनाव ऐसा आ रहा है कि जिसने पुरानी सारी परम्पराओं को नष्ट कर दिया है..! आम तौर पर चुनाव राजनीतिक दल लड़ते रहे हैं, उम्मिदवार लड़ते रहे हैं, लेकिन ये पहला चुनाव ऐसा है जो चुनाव अपने आप में एक जन-आंदोलन बन गया है..! चुनाव को जन-आंदोलन बनाने में पूज्य रामदेव जी की अखंड एकनिष्ठ तपश्चर्या भी है..! हरिओम जी सच कह रहे थे, उनको क्या कमी थी..! सारे मुख्यमंत्री उनके दरवाजे पर दस्तक देते थे..! लेकिन वो सब कुछ छोड़कर एक मिशन को लेकर निकल पडे..! अपने लिए नहीं, भारत के स्वाभिमान के लिए..! कभी-कभी पीड़ा भी होती है कि आजादी के इतने सालों के बाद हमें ही हमारे ही देश के स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़नी पड़े..? ये अजूबा है..! ये तो सहज प्राप्य होना चाहिए, स्वाभाविक प्रक्रिया होनी चाहिए, लेकिन न जाने क्या-क्या रूकावटें रहीं, कि आज स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है..भाईयों-बहनों, आज जब हम भारत के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने वाले सिपाहियों के बीच खड़े हैं तब, अपने इस कार्यक्रम के दरमियान ही इसरो के भारतीय वैज्ञानिकों ने, भारत के इंजीनियरों ने सफलतापूर्वक जीएसएलवी डी-5 को लांच करने में सफलता पाई है।
275.601282
मैं भारत के सभी वैज्ञानिकों को, इंजीनियरों को इस सफलता दिलाने के लिए इस पवित्र मंच से बहुत बहुत बधाई देता हूं, उनको शुभकामनाएं देता हूं..! ऐसी अनेक घटनाएं हैं जिसे पता चलता है कि इस देश में बहुत सामर्थ्य है..!भाईयों-बहनों, मैं निराशावादी इंसान नहीं हूं, मेरी डिक्शनरी में निराशा शब्द ही नहीं है..! और उसका कारण ये नहीं कि मुझे डिक्शनरी का ज्ञान है, इसका कारण यह है कि मैंने जिंदगी को ऐसा जिया है..! जब आजकल लोग अनाप-शनाप इलजाम लगाते हैं तो मैं भी कभी मुडकर खुद के जीवन की ओर देखता हूं, और मैं सोचता हूं कि ये देश कितना महान है, यहां के लोग कितने महान है कि जिन्होंने रेल के डिब्बे में चाय बेचने वाले बच्चे को अपने कंधे पर उठा लिया..! मित्रों, मैं निराशावादी नहीं हूं इसके पीछे एक कारण है, क्योंकि मैनें अपनी मां को अड़ोस-पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करते, पानी भरते देखा है, उन्होने बिना निराश हुए अपने बच्चों को पालने का, संस्कारित करने का काम किया..! मैं अभी बाबा रामदेव जी से एक सवाल पूछ रहा था क्योंकि एक हिन्दी शब्द मुझे मालूम नहीं था।
193.960902
हमारे यहां गुजरात में कॉटन की खेती होती है, और जब खेत में कपास तैयार होता है तो वो गरीब परिवार उसे अपने घर ले जाते हैं और उसका छिलका उतारकर उसके अंदर से कॉटन निकालते हैं।
21.060098
गुजराती में उसे ‘काला फोलवा...’ कहते हैं, मुझे नहीं मालूम कि हिन्दी में उसे क्या कहते हैं।
8.740041
हां, मुझे शब्द मिल गया, ‘भिंडोला’, हमारे यहां उसे ‘काला’ बोलते हैं..! उसका छिलका काफी धारदार होता है, कई बार उससे खून भी निकल आता है।
23.160108
जब वो सीजन आता था, तो पूरे दिन में पचासों प्रकार की मेहनत करने के बाद हमारा पूरा परिवार बैठता था और छिलके हटाकर कॉटन बाहर निकालते थे, दूसरे दिन सुबह जाकर जमा करवाते थे, और इससे कुछ मजबूरी मिल जाती थी..! जिसने इस जीवन को जिया है, उसके जीवन में निराशा का नामोनिशान नहीं हो सकता है।
40.160187
जो इस पीड़ा और दर्द में पला है उसे औरों की पीड़ा व दर्द समझने के लिए यात्राएं नहीं करनी पड़ती, और वही पीड़ा, वही दर्द, वही संवेदना हमें कार्य करने की प्रेरणा देती है।
35.360165
हर पल मन में रहता है कि ईश्वर ने जो शरीर दिया है, जो समय दिया है, जो अवसर दिया है, उसका उपयोग भारत माता के कोटि-कोटि जनों के लिए ही होना चाहिए।
22.360104
दुखी, पीडित, दरिद्र, दलित, शोषित, वंचित उनके लिए होना चाहिए और जब जीवन में ऐसी प्रेरणा होती है तो ईश्वर रास्ते भी अपने आप सुझाता है..!मित्रों, पहले चुनाव होते थे, जोड़-तोड़ के चुनाव होते थे, परिवार को संभालने के लिए चुनाव होते थे, जाति-बिरादरी के समीकरणों को संभालने के लिए चुनाव होते थे, वोट बैंक की छाया में चुनाव होते थे..! मित्रों, ये खुशी की बात नहीं है कि आज देश में विकास के एजेंडा की चर्चा हो रही है और विकास के एजेंडा पर चुनाव लड़ने के लिए देश के राजनीतिक दलों को मजबूर किया जा रहा है और बाबा रामदेव जी का ये प्रयास उसी दिशा में एक नक्कर, मक्कम, मजबूत कदम है, यह एक शुभ संकेत है..! ठीक है भाई, आप सरकार बनाना चाहते हो, तो क्यों बनाना चाहते हो, किसके लिए बनाना चाहते हो, बनाकर क्या करना चाहते हो, जरा दुनिया को बताओ तो सही..! मैं चाहूंगा कि ये प्रयास 2014 के चुनावों तक निरंतर चलता रहना चाहिए, दबाव बढ़ाना चाहिए, सिर्फ बीजेपी पर ही नहीं बल्कि सभी दलों पर बढ़ाना चाहिए कि बहुत हुआ, 60 साल बर्बाद किए हैं अब कुछ कर दिखाओ..!भाइयों-बहनों, इसके साथ-साथ बाबा रामदेव अब राजनेताओं को भली-भांति जान गए हैं..! ये जान गए हैं कि दिन में कैसे एयरपोर्ट पर लेने आना और रात में कैसे जुल्म करना, ये भली-भांति जान गए हैं..! इसलिए, कोई कहने को तो कह दें, लेकिन उस पर भरोसा मत करना, ट्रैक रिकॉर्ड बराबर देख लेना, अगर वो ट्रैक रिकॉर्ड पर सही उतरते हैं तो भरपूर आर्शीवाद दे देना, लेकिन अगर ट्रैक रिकॉर्ड ठीक नहीं है और सिर्फ टेप रिकॉर्ड चल रहा है तो उस पर भरोसा मत करना..!भाइयों-बहनों, आप कल्पना कर सकते हैं कि जिस देश में 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 से कम आयु की हो, जो विश्व का सबसे नौजवान देश हो और परमात्मा ने हर नौजवान को भुजा दी हो, बुद्धि और सामर्थ्य दिया हो, कुछ कर दिखाने की ललक दी हो, उसके बावजूद भी जो डेमोग्राफिक डिविडेंड एक बहुत बड़ा एसेट बन सकता था, लेकिन देश के नेतृत्व ने उस डेमोग्राफिक डिविडेंड को डेमोग्राफिक डिजास्टर में कन्वर्ट कर दिया, इससे बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता है..!नौजवान को अवसर चाहिये।
242.241127
आज चाइना के बारे में स्वामी जी एक बात बता रहे थे कि चाइना ने एक काम पर बहुत बल दिया है, और वो बल स्किल डेवलेपमेंट पर दिया गया है।
15.260071
नौजवानों को हुनर सिखाओ, अगर नौजवान के अंदर हुनर होगा तो वह अपने सामर्थ्य से जीवन जीने का रास्ता खोज लेगा।
15.340071
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत सरकार ने बार-बार भांति-भांति प्रकार के स्किल डेवलेपमेंट के मिशन बनाए, प्रधानमंत्री तक उसके चेयरमेन बने, हर तीन महीने में लिखित रूप से उसका मूल्यांकन करना तय हुआ था, लेकिन तीन साल तक एक मीटिंग तक नहीं हुई..! क्या इसके लिए कोई एक्सट्राऑर्डिनरी विजन की जरूरत है..? काम नहीं बन सकता है क्या..?मैं ट्रैक रिकॉर्ड की बात इसलिए बताता हूं क्योंकि गुजरात ने उस दिशा में करके दिखाया है..! हम जानते हैं कि अगर देश की जीडीपी को बढ़ाना है तो हमें हमारी उत्पादन क्षमता का भरपूर उपयोग करना होगा, हमारी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना होगा, और मित्रों, ऐसा नहीं है कि ऐसा नहीं हो सकता है..! हमारा देश कृषि प्रधान देश है।
70.200327
बाबा ने जिन मुद्दों को उठाया है, उन मुद्दों को अरूण जी ने और राजनाथ जी ने बहुत पॉजिटिवली बता दिया है लेकिन मैं और तरीके से उस चीज को बता रहा हूं।
9.320043
हमारा कृषि प्रधान देश है, हमारे यहां कृषि के साथ पशुपालन अंगभूत व्यवस्था है और मैं मानता हूं कि अगर हमें कृषि को सामर्थ्यवान बनाना है तो उसे तीन हिस्सों में बांटना होगा।
25.520119
एक तिहाई - रेगुलर खेती, एक तिहाई - वृक्षों की खेती, पेड़ों की खेती, और एक तिहाई - पशुपालन..! हमारे यहां दो खेतों के बीच कितनी जमीन बेकार होती है..? सभी को यह बात मालूम है, उस खेत वाला हमारे खेत में न घुस जाएं, हम उसके खेत में न जाएं, इसके लिए बीच में हम जो बाड़ बना देते हैं, तो कितनी जमीन बर्बाद करते हैं..! अगर उस किनारे पर उस किसान को पेड़ उगाने का अधिकार दिया जाए और उसे पेड़ बेचने का अधिकार दिया जाए तो इस देश को टिम्बर इम्पोर्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
59.980279
आज इस कृषि प्रधान देश को टिम्बर इम्पोर्ट करना पड़ता है और फिर करंट एकांउट डेफिसिट के लिए गोल्ड पर हमला बोल देते हैं, यानि करने जैसे काम नहीं करना और न करने जैसे पहले करना..!मित्रों, 60-70 के दशक में हिंदुस्तान में गोल्ड स्मगलिंग के लिए एक बहुत बड़ा सुनहरा अवसर था, चारों ओर सोने की तस्करी, इस देश का बहुत बड़ा पेशा बन गया था, और उसी गोल्ड स्मगलिंग में से हिंदुस्तान में अंडरवर्ल्ड का नेटवर्क पैदा हुआ।
45.540212
आज भी अंडरवर्ल्ड के जो बड़े-बड़े माफिया हैं वो गोल्ड स्मगलिंग के उस काल में पैदा हुए थे।
7.040033
दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है कि फिर से उसने गोल्ड स्मगलिंग का उदय कर दिया है..! अभी मैं पिछले दिनों टीवी में देख रहा था, कि दक्षिण के एक राज्य में सौ किलो से ज्यादा स्मगलिंग का सोना पकड़ा गया, कितना पकड़ा गया वो तो हमें मालूम है, कितना नहीं पकड़ा गया वह नहीं मालूम है..! मित्रों, ये कुनीतियों का परिणाम है..!मैं आप सभी के साथ गुजरात का एक अनुभव शेयर करना चाहता हूं।
43.840204
हमारे राज्य में हम पशु आरोग्य मेले लगाते हैं और हजारों की तादात में लगाते हैं।
7.500035
आज भी अगर हमारे देश में मनुष्य को भी कैटरेक्ट का ऑपरेशन करवाना हो तो किसी चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यक्रम में जाना पड़ता है, ये स्थिति है।
14.160066
गुजरात में हम पशु का भी कैटरेक ऑपरेशन करते हैं, उसके नेत्रमणि का ऑपरेशन करते हैं, उसका डेंटल ट्रीटमेंट करते हैं..! मैने अभी कुछ डॉक्टर्स को अमेरिका भेजा था कि वह लेजर टेक्नीक से पशुओं की आंखों का ऑपरेशन करना सीखकर आएं, ताकि पशु का रक्त न बहे, उसे पीड़ा न हो..! इसका परिणाम यह हुआ कि हमारे यहां मिल्क प्रोडक्शन में 86 प्रतिशत की वृद्धि हुई..! अब आप ही बताइए, इससे मेरा किसान सामर्थ्यवान हुआ या नहीं..? फर्क देखिए, उन्होने क्या किया, उन्होने सपना देखा-पिंक रिवोल्यूशन का।
51.420239
इस देश में हमने ग्रीन रिवोल्यूशन सुना है, व्हाइट रिवोल्यूशन सुना है, लेकिन दिल्ली में जो सरकार बैठी है उसने पिंक रिवोल्यूशन का कार्यक्रम शुरू किया।
12.640059
पिंक रिवोल्यूशन का मतबल क्या है..? कत्लखाने खोलो, पशुओं का कत्ल करो और मटन जिसका रंग पिंक होता है, उसको एक्सपोर्ट करो..! भाइयों-बहनों, आप मुझे बताइए कि देश के किसानों का भला पशु करेगा कि मटन करेगा..? मित्रों, फर्क यही है कि भारत जैसे गांवों में बसे देश के लिए उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं..? इसका परिणाम यह हुआ है कि कमाई करने के इरादे से पशुओं की चोरी शुरू हो गई, उनकी स्मगलिंग शुरू हो गई।
44.960209
बाबा का कहना कि देश में किसान की मिनिमम इनकम का तो प्रबंध करो, उसे भरोसा दो..! लेकिन अगर आप कत्लखाना बनाते है तो भारत सरकार कोई टैक्स नहीं लगाती है, आपको बैंक से मिनिमम दर से पैसे मिलते हैं।
25.82012
उदाहरण के लिए, अगर आपका कत्लखाना मेरठ में है और आपको मुम्बई तक मटन भेजना है तो ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी भी भारत सरकार देती है..!मित्रों, मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि अगर हम चाहें तो स्थितियां बदल सकते हैं।
32.000149
जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी, हमारे राजनाथ सिंह जी कृषि मंत्री थे तो उन्होने एक योजना शुरू की थी - ‘वाड़ी प्रोजक्ट‘।
11.760055
उस वाड़ी प्रोजेक्ट के तहत ट्राईबल बेल्ट के लोगों को जिनके पास मुश्किल से एक या दो एकड़ भूमि है, जिनकी आय मात्र 10 से 12 हजार रूपए होती थी, ऐसे में वो घर कैसे चलाएगा..! उस वाड़ी प्रोजेक्ट के तहत हमने गुजरात में प्रयास शुरू किया, हमारे आदिवासी किसानों को आधुनिक खेती की तरफ ले गए, पानी प्रबंधन की तरफ ले गए, सीड्स में बदवाल लाने की दिशा में ले गए, क्रॉप पैटर्न बदल दिया, इससे परिणाम यह आया कि जो किसान 12 से 15 हजार रूपया कमाता था, वह अब डेढ़ से दो लाख रूपया कमाने लगा।
42.840199
लेकिन अटल जी की सरकार गई, और इस सरकार ने वो प्रोजेक्ट बंद कर दिया..! इनको समझ नहीं है कि किसके लिए क्या काम करना है..! इसलिए मैं कहता हूं कि देश को आगे बढाने के लिए कोई मंगल ग्रह से मनुष्यों को लाने की जरूरत नहीं है, यहां जो लोग हैं वही इस देश को बहुत आगे तक ले जा सकते हैं..!मित्रों, ये बात सही है कि अगर हमारे नौजवान को रोजगार न मिले, ग्रामीण विकास के लिए हम खेती पर बल न दें, तो आगे नहीं बढ़ सकता है।
40.700189
और ये बात भी सही है कि मैनुफेक्चरिंग सेक्टर में हमें अपनी ताकत दिखानी होगी।
6.620031
हमारे जो भी मिनरल्स हैं, जो रॉ मैटेरियल हैं, उसमें वैल्यू एडीशन करना चाहिए, इसमें कोई काम्प्रोमाइज नहीं होना चाहिए।
11.620054
आप आयर्न ओर बाहर भेजने के बदले स्टील बनाकर भेजेगें तो इससे देश की आय बढ़ेगी, नौजवान को रोजगार मिलेगा, लेकिन अगर आप आयर्न ओर बाहर भेजेगें और स्टील बाहर से लेंगे तो देश को बर्बाद करके रखेगें..! लेकिन अगर आयर्न ओर से स्टील बनाना है तो बिजली चाहिए, और बिजली के कारखाने बंद पड़े हैं क्योंकि कोयला नहीं मिल रहा है, कोयला नहीं मिल रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार की कोयला पॉलिसी को पैरालिसिस हो गया है, इस प्रकार ये एक के साथ दूसरा जुड़ा हुआ है..!मित्रों, हमारे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए, भ्रष्टाचार के कुछ क्षेत्र हैं जिनमें से एक है, मिनरल्स..! हमारे देश का सिस्टम ऐसा है कि फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व, हमारे देश में जो पहले एप्लाई करेगा, उसको हक मिलेगा, उसे पहले अलॉटमेंट होगा..! हमने गुजरात में तय किया कि हम ऐसा नहीं करेगें, हम ऑक्शन यानि नीलामी करेगें, जो ज्यादा बोली बोलेगा, सरकार के खजाने में पैसा आएगा और गरीबों का भला होगा..! आप लोग बताएं, ऑक्शन का रास्ता सही है या नहीं..? ट्रासपेरेंट तरीका है या नहीं..? हमने निर्णय लिया और भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया, कि कानूनन आप ऑक्शन नहीं कर सकते हैं..! एक सरकार है जो हिम्मत करके, ऑक्शन करके अपनी भूसम्पदा को वैल्यू एडीशन के लिए देना चाहती है और दूसरी उसे रोकना..! आज मेरे यहां इतने सीमेंट के कारखाने लगने की संभावना है लेकिन मैं लाइम स्टोन नहीं दे पा रहा हूं कयोंकि भारत सरकार मुझे ऑक्शन करने का अधिकार नहीं देती है और मैं ऑक्शन के बिना देने को तैयार नहीं हूं..!मित्रों, कहने का तात्पर्य यह है कि जो हमारी भूसम्पदा है, उस भूसम्पदा का उपयोग भी हम राष्ट्र के विकास की धरोहर के रूप में कर सकते हैं।
139.340648
हमारे पास सब कुछ है पर हम ध्यान नहीं देते हैं..! आपको जानकर हैरानी होगी कि आज हमारे देश से बालू की भी स्मगलिंग होने लगी है, जहाज भर-भर के बालू की स्मगलिंग होना शुरू हो गया है।
14.900069
लेकिन अगर आपकी नीतियां स्पष्ट नहीं रही, तो ये संभावनाएं बढ़ती जाती हैं।
6.40003
और इसलिए, भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ने की पहली शर्त होती है, स्टेट प्रोग्रेसिव पॉलिसी ड्रिवन होना चाहिए, नई नीतियां लगातार बनती चली जानी चाहिए, नीतियों के आधार पर निर्णय होने चाहिए, और निर्णयों को पारदर्शी तरीके से लागू करना चाहिए, इस प्रकार भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सकती है।
26.060121
ये कोई ऐसी चीज नहीं है कि हो नहीं सकती..!मित्रों, टैक्सेशन..! मैं इन विचारों से कई वर्षो से अच्छी तरह परिचित हूं जो आर्थिक स्वराज को लेकर उठाएं जाते हैं।
23.220108
हमारे देश के कई राज्य हैं जो ऑक्ट्रोई बंद करने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे हैं।
7.640036
हमने कर दिया और हमारी गाड़ी चल रही है, हमारे राज्य में ऑक्ट्रोई वगैरह सब बंद हो गया..! कुल मिलाकर कहने का तात्पर्य यह है कि अगर इरादा हो, तो सब कुछ किया जा सकता है और इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि देश को वादे नहीं इरादे चाहिए..! भाईयों, इसलिए ये टैक्सेशन सिस्टम सामान्य मानवी के जीवन पर बोझ बनी हुई है, अफसरशाही की लगाम बढ़ती चली जाती है, समय की मांग है कि उसमें नए तरीके से देखकर रिफॉर्म लाया जाए और भारतीय जनता पार्टी गंभीरता पूर्वक इस विषय पर काम कर रही है..! अभी मेरी पार्टी के सभी नेता इस विषय के जानकार लोगों के साथ तीन-तीन घंटे तक बैठे थे।
57.620268
उन लोगों की हर बात को बारीकी से समझा, ठीक है हमें पहली नजर में कुछ समस्याएं नजर आती है, लेकिन अगर इरादा है तो आखिरकार इन समस्याओं का समाधान भी होगा और रास्ते भी खोजे जाएंगे और नई व्यवस्थाएं भी लाई जाएंगी..!भाइयों-बहनों, अगर यहीं व्यवस्थाएं चलानी हैं तो मुझे यहां आने की क्या जरूरत है, बहुत लोग हैं जो चलाएंगे..! दोस्तों, अगर हम कुछ कर नहीं पाते हैं तो जिन्दगी में पद के लिए पैदा नहीं हुए हैं, अगर कुछ कर सकते हैं तो जिन्दगी में कुछ करना है..! लेकिन व्यवस्थाएं ऐसी होनी चाहिए जो जिंदगी में सरलीकरण लाएं।
52.420244
एक छोटा सा उदाहरण देता हूं, ये जो अफसरशाही और लाइसेंस राज की दुनिया है, आप सभी को मालूम होगा कि हमारे देश में जो कारखाने होते हैं उनमें बॉयलर होते हैं।
17.580082
सरकार में बॉयलर इंस्पेक्शन की व्यवस्था होती है और जो व्यक्ति बॉयलर इंस्पेक्शन करने वाला होता है, वह शंहशाहों का शंहशाह होता है क्योंकि ये बहुत कम लोग होते हैं और वो कारखाने के मालिक परेशान होते हैं क्योंकि उन्हे एक नियत तारीख तक जांच का सर्टिफिकेट चाहिए, और वो कहता है कि समय नहीं है, पहले से क्यों नहीं बोला..? फिर उन दोनों के बीच जो कुछ भी होना चाहिए वह होता होगा, इसके बाद इंस्पेक्शन करने वाला उस कारखाने को सर्टिफिकेट दे देता है कि मैने बॉयलर का इंस्पेक्शन किया और यह कार्य करने योग्य है..! ऐसे ही पूरा कारोबार चलता था।
35.640166
कोई मुझे बताएं कि आप कार खरीदते हैं, आपकी कार ठीक है या नहीं, ब्रेक बराबर है या नहीं, इसका इंस्पेक्शन क्या सरकार करती है..? इसकी जांच तो आप खुद ही करते हैं कि नहीं..? आपको आपकी जिदंगी की चिंता है या नहीं..? तो बॉयलर की चिंता भी वो करेगा या नहीं करेगा..? अगर बॉयलर फटेगा तो वो मरेगा कि नहीं..? मैनें कहा कि अब सरकार इंस्पेक्शन नहीं करेगी, आप खुद इंस्पेक्शन करके सर्टिफिकेट दे दो, हम उसको स्वीकार कर लेंगे..! अफसरशाही गई के नहीं..? इसके लिए क्या करना पड़ा..? हमने कहा कि स्किल डेवलेपमेंट का कोर्स आईटीआई में चालू करो, प्राईवेट इंस्टीटयूट खोलकर बॉयलर इंस्पेक्शन का काम करें, और इस तरह हजारों लड़के बॉयलर इंस्पेक्टर बन गए, वो देखते हैं और मालिक को भी चिंता रहती है क्योंकि बिना ब्रेक की गाड़ी कोई चलाएगा क्या..? तो क्या फटने वाला बॉयलर कोई कारखाने में चलाएगा..? मित्रों, ये बहुत छोटी-छोटी बातें होती हैं..!भाइयों-बहनों, आप सभी ने देखा होगा कि पहले हमारे यहां बड़े-बड़े मकानों में लिफ्ट बहुत कम थी, और लिफ्ट के सरकारी इंस्पेक्टर रहते थे और अब करीब-करीब हर घर में लिफ्ट आ गई।
74.700348
अब मुझे बताइए, इतने इंस्पेक्टर कहां से लाओगे..? मैनें अपने यहां नियम किया, कि जो लोग रहते हैं, वो हर 6 महीने में अपने यहां की लिफ्टों की जांच करवा कर हमें रिपोर्ट दे दें कि हमारी लिफ्ट ठीक है, उपयोग करने योग्य है और उसका उपयोग करते चलो।
13.480063
मित्रों, हम व्यवस्थाओं को बदल सकते हैं, छोटी-छोटी चीजों के माध्यम से भी स्थितियों को बदला जा सकता है, और अगर परिवर्तन लाना है तो लाया जा सकता है..! हमारे देश में एक कानूनी व्यवस्था है कि हर तीस साल में एक बार देश की जमीन का हिसाब-किताब, लेखा-जोखा होना चाहिए।
29.820139
जमीन की लम्बाई कितनी है, चौडा़ई कितनी है, उसका मालिक कौन है, इस प्रकार के पूरे विवरण को हर तीस साल में करने का नियम है।
9.540044
आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले सौ साल से हमारे देश में ये काम नहीं हुआ है..! कई नदियों ने अपना रास्ता बदल दिया, सरकारी कागजों में जो जमीन और खेत हैं उन पर नदी बहने लगी है, कहीं खेतों में पर्वत ढ़हकर नीचे आ गए हैं और खेत बचे ही नहीं है, लेकिन सरकारी कागजों पर आज भी वही जमीन है..! सौ साल से इस काम को हमारे देश में नहीं किया गया, आखिर किसान कहां जाएगा..? मैने गुजरात में बीड़ा उठाया, इन दिनों मैं ये काम कर रहा हूं और करके रहूंगा..!मित्रों, कहने का तात्पर्य ये है कि ऐसा नहीं है कि समस्याओं के समाधान नहीं हैं, लेकिन ज्यादातर सरकारें आती हैं, दिन-रात अगला चुनाव जीतने में लगी रहती हैं।
50.880237
सरकारों का काम है पांच साल के समय में देश की भलाई के लिए लोगों को विश्वास में लेकर के कदम उठाना।
11.740055
भाईयों-बहनों, मैं गुजरात एक्सपीरियंस से कहता हूं कि सब कुछ संभव है..! बाबा रामदेव जी ने, स्वाभिमान आंदोलन के साथ जुड़े हुए सिपाहियों ने, भारतीय जनता पार्टी से जो अपेक्षाएं रखी हैं और नरेन्द्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से जो अपेक्षाएं रखी हैं, उसको हम जी-जान से पूरा करने की कोशिश करने वाले हैं..!भाइयों-बहनों, मैं मानता हूं कि हर समस्या का समस्या का समाधान हो सकता है, रास्ते खोजे जा सकते हैं और परिणाम लाया जा सकता है..! भारत बहुरत्ना वसुंधरा है, सामर्थ्यवान देश है।
54.060252
मित्रों, भाषा के विषय में, भारतीय भाषाओं का गौरव होना बहुत स्वाभावाविक बात है, और अगर हमें अपने आप पर गौरव नहीं होगा तो दुनिया की पराई चीजों से क्या गौरव कर सकते हैं..? लेकिन हम आधुनिकता के भी पक्ष में हैं, टेक्नोलॉजी के पक्ष में हैं, हम विज्ञान को प्राथमिकता देने के पक्ष में हैं, क्योंकि हमें विश्व के सामने उस सामर्थ्य के साथ खड़ा रहना है, और दुनिया जो भाषा समझें, उस भाषा में मेरे देश का बच्चा आंख से आंख मिलाकर बात करें, उसमें इतनी ताकत होनी चाहिए..! मुंडी नीचे करने का अवसर हमारे देश के बच्चों का नहीं होना चाहिए..! लेकिन अगर हमें अपनी ही भाषाओं पर गर्व नहीं होगा, स्वाभिमान नहीं होगा, तो आप दुनिया में कभी भी आंख से आंख मिलाकर बात नहीं कर सकते हैं।
75.12035
इसलिए, सबसे पहले अपने पर भरोसा होना चाहिए, अपने पर स्वाभिमान होना चाहिए, अपनी परम्पराओं पर गर्व होना चाहिए, हमारी संस्कृति, खान-पान, पहनावे, बोल-चाल हर बात का हमें गर्व होना चाहिए..! मित्रों, अगर हमें गर्व है तो रास्ते अपने आप मिल जाते हैं..!भाइयों-बहनों, मैं फिर एक बार बाबा रामदेव जी का अभिनंदन करता हूं कि उन्होने सही दिशा में, देश में सच्चे अर्थ में परिवर्तन क्या हो, नींव कैसी हो, पिलर कैसे हो, इमारत कैसी हो, इसके लिए मंथन शुरू किया है..! अगर संतो के द्वारा मंथन होता है तो अमृत निकलना निश्चित होता है, अगर निस्वार्थ भाव से मंथन होता है तो अमृत सुनिश्चित होता है..!भाइयों-बहनों, हमें दो विषयों पर बल देकर आगे बढ़ना होगा।
27.88013
5 साल बाद महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती आएगी।
1.300006
उस युग पुरूष को हम कैसा हिंदुस्तान देना चाहते हैं, उन सपनों को तय करना होगा..! वहीं 8-9 साल बाद, भारत की आजादी के 75 साल हो जाएंगे, अमृत पर्व आएगा, देश के दीवानों ने 1200 साल तक लड़ाई लड़ी और देश को आजादी मिली, उस आजादी का अमृत पर्व आने पर उन दीवानों का नाम हमारा देश कैसे लें, देश कैसे सुपुर्द करे, इसके लिए सपने सजोने होगें और एक दिव्य व भव्य भारत बनाना होगा..! हम सिर्फ भव्यता से जुड़े हुए लोग नहीं है, भारत भव्य भी हो और भारत दिव्य हो..! ये दिव्य-भव्य भारत का निर्माण करने के सपनों को लेकर हम आगे बढ़ें, इसी एक अपेक्षा के साथ, ईश्वर हमें शक्ति दें, जनता-जनार्दन हमें आर्शीवाद दें, ताकि बाबा रामदेव जैसे निस्पृही लोगों की तपस्या रंग लाए और 60 साल की कठिनाईयों से गुजरा हुआ देश संतोष, विश्वास और समृद्धि के शिखरों को पार करने वाला बनें, इसी एक कामना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद..!भारत माता की जय..!भारत माता की जय..! परम पूज्य बाबा रामदेव जी, पूज्य आचार्य जी, आदरणीय राजनाथ सिंह जी, आदरणीय वैदिक जी, श्रीमान हरिओम जी, देश के कोने-कोने से आए हुए भारत स्वाभिमान के सभी सिपाही, और मुझे बताया गया कि देश में 500 से अधिक स्थानों पर बड़ा स्क्रीन लगाकर इस भारत स्वाभिमान आंदोलन से जुड़े हुए सभी लोग बैठे हैं और इस कार्यक्रम में दूर दूर से भी शरीक हुए हैं, मैं उन सबको भी नमन करता हूं..! आजादी के बाद ये पहला चुनाव ऐसा आ रहा है कि जिसने पुरानी सारी परम्पराओं को नष्ट कर दिया है..! आम तौर पर चुनाव राजनीतिक दल लड़ते रहे हैं, उम्मिदवार लड़ते रहे हैं, लेकिन ये पहला चुनाव ऐसा है जो चुनाव अपने आप में एक जन-आंदोलन बन गया है..! चुनाव को जन-आंदोलन बनाने में पूज्य रामदेव जी की अखंड एकनिष्ठ तपश्चर्या भी है..! हरिओम जी सच कह रहे थे, उनको क्या कमी थी..! सारे मुख्यमंत्री उनके दरवाजे पर दस्तक देते थे..! लेकिन वो सब कुछ छोड़कर एक मिशन को लेकर निकल पडे..! अपने लिए नहीं, भारत के स्वाभिमान के लिए..! कभी-कभी पीड़ा भी होती है कि आजादी के इतने सालों के बाद हमें ही हमारे ही देश के स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़नी पड़े..? ये अजूबा है..! ये तो सहज प्राप्य होना चाहिए, स्वाभाविक प्रक्रिया होनी चाहिए, लेकिन न जाने क्या-क्या रूकावटें रहीं, कि आज स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है.. भाईयों-बहनों, आज जब हम भारत के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने वाले सिपाहियों के बीच खड़े हैं तब, अपने इस कार्यक्रम के दरमियान ही इसरो के भारतीय वैज्ञानिकों ने, भारत के इंजीनियरों ने सफलतापूर्वक जीएसएलवी डी-5 को लांच करने में सफलता पाई है।
98.080456
मैं भारत के सभी वैज्ञानिकों को, इंजीनियरों को इस सफलता दिलाने के लिए इस पवित्र मंच से बहुत बहुत बधाई देता हूं, उनको शुभकामनाएं देता हूं..! ऐसी अनेक घटनाएं हैं जिसे पता चलता है कि इस देश में बहुत सामर्थ्य है..! भाईयों-बहनों, मैं निराशावादी इंसान नहीं हूं, मेरी डिक्शनरी में निराशा शब्द ही नहीं है..! और उसका कारण ये नहीं कि मुझे डिक्शनरी का ज्ञान है, इसका कारण यह है कि मैंने जिंदगी को ऐसा जिया है..! जब आजकल लोग अनाप-शनाप इलजाम लगाते हैं तो मैं भी कभी मुडकर खुद के जीवन की ओर देखता हूं, और मैं सोचता हूं कि ये देश कितना महान है, यहां के लोग कितने महान है कि जिन्होंने रेल के डिब्बे में चाय बेचने वाले बच्चे को अपने कंधे पर उठा लिया..! मित्रों, मैं निराशावादी नहीं हूं इसके पीछे एक कारण है, क्योंकि मैनें अपनी मां को अड़ोस-पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करते, पानी भरते देखा है, उन्होने बिना निराश हुए अपने बच्चों को पालने का, संस्कारित करने का काम किया..! मैं अभी बाबा रामदेव जी से एक सवाल पूछ रहा था क्योंकि एक हिन्दी शब्द मुझे मालूम नहीं था।
33.280155
हमारे यहां गुजरात में कॉटन की खेती होती है, और जब खेत में कपास तैयार होता है तो वो गरीब परिवार उसे अपने घर ले जाते हैं और उसका छिलका उतारकर उसके अंदर से कॉटन निकालते हैं।
8.300039
गुजराती में उसे ‘काला फोलवा...’ कहते हैं, मुझे नहीं मालूम कि हिन्दी में उसे क्या कहते हैं।
3.740017
हां, मुझे शब्द मिल गया, ‘भिंडोला’, हमारे यहां उसे ‘काला’ बोलते हैं..! उसका छिलका काफी धारदार होता है, कई बार उससे खून भी निकल आता है।
4.34002
जब वो सीजन आता था, तो पूरे दिन में पचासों प्रकार की मेहनत करने के बाद हमारा पूरा परिवार बैठता था और छिलके हटाकर कॉटन बाहर निकालते थे, दूसरे दिन सुबह जाकर जमा करवाते थे, और इससे कुछ मजबूरी मिल जाती थी..! जिसने इस जीवन को जिया है, उसके जीवन में निराशा का नामोनिशान नहीं हो सकता है।
8.340039
जो इस पीड़ा और दर्द में पला है उसे औरों की पीड़ा व दर्द समझने के लिए यात्राएं नहीं करनी पड़ती, और वही पीड़ा, वही दर्द, वही संवेदना हमें कार्य करने की प्रेरणा देती है।
11.440053
हर पल मन में रहता है कि ईश्वर ने जो शरीर दिया है, जो समय दिया है, जो अवसर दिया है, उसका उपयोग भारत माता के कोटि-कोटि जनों के लिए ही होना चाहिए।
4.420021
दुखी, पीडित, दरिद्र, दलित, शोषित, वंचित उनके लिए होना चाहिए और जब जीवन में ऐसी प्रेरणा होती है तो ईश्वर रास्ते भी अपने आप सुझाता है..! मित्रों, पहले चुनाव होते थे, जोड़-तोड़ के चुनाव होते थे, परिवार को संभालने के लिए चुनाव होते थे, जाति-बिरादरी के समीकरणों को संभालने के लिए चुनाव होते थे, वोट बैंक की छाया में चुनाव होते थे..! मित्रों, ये खुशी की बात नहीं है कि आज देश में विकास के एजेंडा की चर्चा हो रही है और विकास के एजेंडा पर चुनाव लड़ने के लिए देश के राजनीतिक दलों को मजबूर किया जा रहा है और बाबा रामदेव जी का ये प्रयास उसी दिशा में एक नक्कर, मक्कम, मजबूत कदम है, यह एक शुभ संकेत है..! ठीक है भाई, आप सरकार बनाना चाहते हो, तो क्यों बनाना चाहते हो, किसके लिए बनाना चाहते हो, बनाकर क्या करना चाहते हो, जरा दुनिया को बताओ तो सही..! मैं चाहूंगा कि ये प्रयास 2014 के चुनावों तक निरंतर चलता रहना चाहिए, दबाव बढ़ाना चाहिए, सिर्फ बीजेपी पर ही नहीं बल्कि सभी दलों पर बढ़ाना चाहिए कि बहुत हुआ, 60 साल बर्बाद किए हैं अब कुछ कर दिखाओ..! भाइयों-बहनों, इसके साथ-साथ बाबा रामदेव अब राजनेताओं को भली-भांति जान गए हैं..! ये जान गए हैं कि दिन में कैसे एयरपोर्ट पर लेने आना और रात में कैसे जुल्म करना, ये भली-भांति जान गए हैं..! इसलिए, कोई कहने को तो कह दें, लेकिन उस पर भरोसा मत करना, ट्रैक रिकॉर्ड बराबर देख लेना, अगर वो ट्रैक रिकॉर्ड पर सही उतरते हैं तो भरपूर आर्शीवाद दे देना, लेकिन अगर ट्रैक रिकॉर्ड ठीक नहीं है और सिर्फ टेप रिकॉर्ड चल रहा है तो उस पर भरोसा मत करना..! भाइयों-बहनों, आप कल्पना कर सकते हैं कि जिस देश में 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 से कम आयु की हो, जो विश्व का सबसे नौजवान देश हो और परमात्मा ने हर नौजवान को भुजा दी हो, बुद्धि और सामर्थ्य दिया हो, कुछ कर दिखाने की ललक दी हो, उसके बावजूद भी जो डेमोग्राफिक डिविडेंड एक बहुत बड़ा एसेट बन सकता था, लेकिन देश के नेतृत्व ने उस डेमोग्राफिक डिविडेंड को डेमोग्राफिक डिजास्टर में कन्वर्ट कर दिया, इससे बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता है..! नौजवान को अवसर चाहिये।
81.800381
आज चाइना के बारे में स्वामी जी एक बात बता रहे थे कि चाइना ने एक काम पर बहुत बल दिया है, और वो बल स्किल डेवलेपमेंट पर दिया गया है।
4.540021
नौजवानों को हुनर सिखाओ, अगर नौजवान के अंदर हुनर होगा तो वह अपने सामर्थ्य से जीवन जीने का रास्ता खोज लेगा।
4.28002
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत सरकार ने बार-बार भांति-भांति प्रकार के स्किल डेवलेपमेंट के मिशन बनाए, प्रधानमंत्री तक उसके चेयरमेन बने, हर तीन महीने में लिखित रूप से उसका मूल्यांकन करना तय हुआ था, लेकिन तीन साल तक एक मीटिंग तक नहीं हुई..! क्या इसके लिए कोई एक्सट्राऑर्डिनरी विजन की जरूरत है..? काम नहीं बन सकता है क्या..? मैं ट्रैक रिकॉर्ड की बात इसलिए बताता हूं क्योंकि गुजरात ने उस दिशा में करके दिखाया है..! हम जानते हैं कि अगर देश की जीडीपी को बढ़ाना है तो हमें हमारी उत्पादन क्षमता का भरपूर उपयोग करना होगा, हमारी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना होगा, और मित्रों, ऐसा नहीं है कि ऐसा नहीं हो सकता है..! हमारा देश कृषि प्रधान देश है।
23.200108
बाबा ने जिन मुद्दों को उठाया है, उन मुद्दों को अरूण जी ने और राजनाथ जी ने बहुत पॉजिटिवली बता दिया है लेकिन मैं और तरीके से उस चीज को बता रहा हूं।
4.26002
हमारा कृषि प्रधान देश है, हमारे यहां कृषि के साथ पशुपालन अंगभूत व्यवस्था है और मैं मानता हूं कि अगर हमें कृषि को सामर्थ्यवान बनाना है तो उसे तीन हिस्सों में बांटना होगा।
6.300029
एक तिहाई - रेगुलर खेती, एक तिहाई - वृक्षों की खेती, पेड़ों की खेती, और एक तिहाई - पशुपालन..! हमारे यहां दो खेतों के बीच कितनी जमीन बेकार होती है..? सभी को यह बात मालूम है, उस खेत वाला हमारे खेत में न घुस जाएं, हम उसके खेत में न जाएं, इसके लिए बीच में हम जो बाड़ बना देते हैं, तो कितनी जमीन बर्बाद करते हैं..! अगर उस किनारे पर उस किसान को पेड़ उगाने का अधिकार दिया जाए और उसे पेड़ बेचने का अधिकार दिया जाए तो इस देश को टिम्बर इम्पोर्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
15.08007
आज इस कृषि प्रधान देश को टिम्बर इम्पोर्ट करना पड़ता है और फिर करंट एकांउट डेफिसिट के लिए गोल्ड पर हमला बोल देते हैं, यानि करने जैसे काम नहीं करना और न करने जैसे पहले करना..! मित्रों, 60-70 के दशक में हिंदुस्तान में गोल्ड स्मगलिंग के लिए एक बहुत बड़ा सुनहरा अवसर था, चारों ओर सोने की तस्करी, इस देश का बहुत बड़ा पेशा बन गया था, और उसी गोल्ड स्मगलिंग में से हिंदुस्तान में अंडरवर्ल्ड का नेटवर्क पैदा हुआ।
16.720078
आज भी अंडरवर्ल्ड के जो बड़े-बड़े माफिया हैं वो गोल्ड स्मगलिंग के उस काल में पैदा हुए थे।
7.040033
दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है कि फिर से उसने गोल्ड स्मगलिंग का उदय कर दिया है..! अभी मैं पिछले दिनों टीवी में देख रहा था, कि दक्षिण के एक राज्य में सौ किलो से ज्यादा स्मगलिंग का सोना पकड़ा गया, कितना पकड़ा गया वो तो हमें मालूम है, कितना नहीं पकड़ा गया वह नहीं मालूम है..! मित्रों, ये कुनीतियों का परिणाम है..! मैं आप सभी के साथ गुजरात का एक अनुभव शेयर करना चाहता हूं।
11.240052
हमारे राज्य में हम पशु आरोग्य मेले लगाते हैं और हजारों की तादात में लगाते हैं।
2.560012
आज भी अगर हमारे देश में मनुष्य को भी कैटरेक्ट का ऑपरेशन करवाना हो तो किसी चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यक्रम में जाना पड़ता है, ये स्थिति है।
3.840018
गुजरात में हम पशु का भी कैटरेक ऑपरेशन करते हैं, उसके नेत्रमणि का ऑपरेशन करते हैं, उसका डेंटल ट्रीटमेंट करते हैं..! मैने अभी कुछ डॉक्टर्स को अमेरिका भेजा था कि वह लेजर टेक्नीक से पशुओं की आंखों का ऑपरेशन करना सीखकर आएं, ताकि पशु का रक्त न बहे, उसे पीड़ा न हो..! इसका परिणाम यह हुआ कि हमारे यहां मिल्क प्रोडक्शन में 86 प्रतिशत की वृद्धि हुई..! अब आप ही बताइए, इससे मेरा किसान सामर्थ्यवान हुआ या नहीं..? फर्क देखिए, उन्होने क्या किया, उन्होने सपना देखा-पिंक रिवोल्यूशन का।
13.680064
इस देश में हमने ग्रीन रिवोल्यूशन सुना है, व्हाइट रिवोल्यूशन सुना है, लेकिन दिल्ली में जो सरकार बैठी है उसने पिंक रिवोल्यूशन का कार्यक्रम शुरू किया।
4.620021
पिंक रिवोल्यूशन का मतबल क्या है..? कत्लखाने खोलो, पशुओं का कत्ल करो और मटन जिसका रंग पिंक होता है, उसको एक्सपोर्ट करो..! भाइयों-बहनों, आप मुझे बताइए कि देश के किसानों का भला पशु करेगा कि मटन करेगा..? मित्रों, फर्क यही है कि भारत जैसे गांवों में बसे देश के लिए उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं..? इसका परिणाम यह हुआ है कि कमाई करने के इरादे से पशुओं की चोरी शुरू हो गई, उनकी स्मगलिंग शुरू हो गई।
13.700064
बाबा का कहना कि देश में किसान की मिनिमम इनकम का तो प्रबंध करो, उसे भरोसा दो..! लेकिन अगर आप कत्लखाना बनाते है तो भारत सरकार कोई टैक्स नहीं लगाती है, आपको बैंक से मिनिमम दर से पैसे मिलते हैं।
7.940037
उदाहरण के लिए, अगर आपका कत्लखाना मेरठ में है और आपको मुम्बई तक मटन भेजना है तो ट्रांसपोर्टेशन सब्सिडी भी भारत सरकार देती है..! मित्रों, मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि अगर हम चाहें तो स्थितियां बदल सकते हैं।
5.940028
जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी, हमारे राजनाथ सिंह जी कृषि मंत्री थे तो उन्होने एक योजना शुरू की थी - ‘वाड़ी प्रोजक्ट‘।
5.400025
उस वाड़ी प्रोजेक्ट के तहत ट्राईबल बेल्ट के लोगों को जिनके पास मुश्किल से एक या दो एकड़ भूमि है, जिनकी आय मात्र 10 से 12 हजार रूपए होती थी, ऐसे में वो घर कैसे चलाएगा..! उस वाड़ी प्रोजेक्ट के तहत हमने गुजरात में प्रयास शुरू किया, हमारे आदिवासी किसानों को आधुनिक खेती की तरफ ले गए, पानी प्रबंधन की तरफ ले गए, सीड्स में बदवाल लाने की दिशा में ले गए, क्रॉप पैटर्न बदल दिया, इससे परिणाम यह आया कि जो किसान 12 से 15 हजार रूपया कमाता था, वह अब डेढ़ से दो लाख रूपया कमाने लगा।
21.780101
लेकिन अटल जी की सरकार गई, और इस सरकार ने वो प्रोजेक्ट बंद कर दिया..! इनको समझ नहीं है कि किसके लिए क्या काम करना है..! इसलिए मैं कहता हूं कि देश को आगे बढाने के लिए कोई मंगल ग्रह से मनुष्यों को लाने की जरूरत नहीं है, यहां जो लोग हैं वही इस देश को बहुत आगे तक ले जा सकते हैं..! मित्रों, ये बात सही है कि अगर हमारे नौजवान को रोजगार न मिले, ग्रामीण विकास के लिए हम खेती पर बल न दें, तो आगे नहीं बढ़ सकता है।
11.540054
और ये बात भी सही है कि मैनुफेक्चरिंग सेक्टर में हमें अपनी ताकत दिखानी होगी।
2.260011
हमारे जो भी मिनरल्स हैं, जो रॉ मैटेरियल हैं, उसमें वैल्यू एडीशन करना चाहिए, इसमें कोई काम्प्रोमाइज नहीं होना चाहिए।
3.420016
आप आयर्न ओर बाहर भेजने के बदले स्टील बनाकर भेजेगें तो इससे देश की आय बढ़ेगी, नौजवान को रोजगार मिलेगा, लेकिन अगर आप आयर्न ओर बाहर भेजेगें और स्टील बाहर से लेंगे तो देश को बर्बाद करके रखेगें..! लेकिन अगर आयर्न ओर से स्टील बनाना है तो बिजली चाहिए, और बिजली के कारखाने बंद पड़े हैं क्योंकि कोयला नहीं मिल रहा है, कोयला नहीं मिल रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार की कोयला पॉलिसी को पैरालिसिस हो गया है, इस प्रकार ये एक के साथ दूसरा जुड़ा हुआ है..! मित्रों, हमारे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए, भ्रष्टाचार के कुछ क्षेत्र हैं जिनमें से एक है, मिनरल्स..! हमारे देश का सिस्टम ऐसा है कि फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व, हमारे देश में जो पहले एप्लाई करेगा, उसको हक मिलेगा, उसे पहले अलॉटमेंट होगा..! हमने गुजरात में तय किया कि हम ऐसा नहीं करेगें, हम ऑक्शन यानि नीलामी करेगें, जो ज्यादा बोली बोलेगा, सरकार के खजाने में पैसा आएगा और गरीबों का भला होगा..! आप लोग बताएं, ऑक्शन का रास्ता सही है या नहीं..? ट्रासपेरेंट तरीका है या नहीं..? हमने निर्णय लिया और भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया, कि कानूनन आप ऑक्शन नहीं कर सकते हैं..! एक सरकार है जो हिम्मत करके, ऑक्शन करके अपनी भूसम्पदा को वैल्यू एडीशन के लिए देना चाहती है और दूसरी उसे रोकना..! आज मेरे यहां इतने सीमेंट के कारखाने लगने की संभावना है लेकिन मैं लाइम स्टोन नहीं दे पा रहा हूं कयोंकि भारत सरकार मुझे ऑक्शन करने का अधिकार नहीं देती है और मैं ऑक्शन के बिना देने को तैयार नहीं हूं..! मित्रों, कहने का तात्पर्य यह है कि जो हमारी भूसम्पदा है, उस भूसम्पदा का उपयोग भी हम राष्ट्र के विकास की धरोहर के रूप में कर सकते हैं।
47.540221